ख़ुशी मिले तो कबूल करना
दुःख मिले तो कबूल करना
ये ' इंसानों' की दुनिया हैं दोस्तों
ठोकर मिले तो ' महसूस' करनाl
ख़ुशी मिले तो उसे कबूल करना...दुश्मनों से क्यों डरना हमें
वो ही जीना सिखाते हैं...
सच्चाई से हमें वाकिफ कराते हैं
और अजनबी को गले लगाते हैं ll
ख़ुशी मिले तो उसे कबूल करना....हर दर्द मैं 'अपने' साथ देते हैं
दुश्मन तो जख्म सहलाते हैं
तड़पता तो इंसान ही हैं
'दूसरे' तो मजाक उड़ाते हैं ll
ख़ुशी मिले तो उसे कबूल करना...कहने से मैं भी डरता हूँ
डर-डर के मैं भी मरता हूँ
मरने का कोई गम नहीं मुझको
बस तेरी परवाह मैं करता हूँ ll
ख़ुशी मिले तो उसे कबूल करना...
Thursday, January 21, 2010
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1 comment:
heart touchin
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