Sunday, March 7, 2010

हे नारी


हे नारी 
तुझमें पीढियां समाई हैं
तेरे आँचल ने 
इस संसार को छाँव दी हैं
तेरे प्यार ने 
लोगों की घर्णा मिटाई हैं
तेरे विचारों से 
हमनें नई दिशा पाई हैं
तेरे बलिदान से 
हमें नया जीवन मिला हैं
तेरी करुना से 
इस संसार ने हमें अपनाया हैं
तेरे कोमल हाथों ने 
हमारा व्यक्तित्व को संवारा हैं 
तेरे मजबूत इरादों ने 
हमें जीने का लक्ष्य बताया हैं
तेरे आंसुओं ने
हमें प्यार करना सिखाया हैं
तेरे सम्मान ने 
हमें समाज का आइना दिखाया हैं
तू महान, तू भगवान् हैं
तुझमे ही ये स्रष्टि विराजमान हैं
तेरे चरणों के आगे 
ये जीवन बलिदान हैं 
तुझे नमन,,, तुझे नमन......

1 comment:

www.जीवन के अनुभव said...

jisaki aap itani tarif kar rahe he usako apmaan karane aur use beijjat karane me purush apana sir uncha samajhate he.....